Question 1:
लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए।
Answer:
'बाज़ और साँप' कहानी दो कहानियों के संयोग से मिलकर बनी है। एक कहानी का केंद्र-बिंदु साँप है, तो दूसरी कहानी का केंद्र-बिंदु बाज़ है। दोनों कहानियाँ एक-दूसरे के बिना अधूरी एवं उद्देश्यहीन-सी जान पड़ती हैं। इसलिए लेखक ने दोनों कहानियों को एक करके दोनों नायकों बाज़ और साँप के नाम पर कहानी का शीर्षक रखा, जो उचित जान पड़ता है।
Question 2:
घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, ''मुझे कोई शिकायत नहीं है।'' विचार प्रकट कीजिए।
Answer:
घायल होने के बाद भी बाज़ ने उक्त पंक्ति—''मुझे कोई शिकायत नहीं है'' इसलिए कही क्योंकि बाज़ ने अपने जीवनकाल में लगभग सभी सुखों को भोग लिया था। जीवन का शायद ही कोई ऐसा सुख बचा हो, जो उसने न भोगा हो। उसने अपने अदम्य साहस एवं पराक्रम द्वारा असीम आकाश को नापने का प्रयत्न किया। मीलों दूर तक कभी न समाप्त होने वाले नील-गगन में परिक्रमा की। हर उस स्थान और वस्तु का भोग किया, जिसे उसके मन ने चाहा। उसका सारा जीवन मौज, मस्ती और उल्लास में व्यतीत हुआ है। इसलिए घायल होने के बाद भी बाज़ ने कहा ''मुझे कोई शिकायत नहीं है।''
Question 3:
बाज जि़ंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
Answer:
बाज़ ज़िन्दगी भर आकाश में उड़ता रहा, लेकिन घायल होने के बाद भी वह उड़ना चाहता था, क्योंकि वह कमज़ोर और लाचार जीवन नहीं जीना चाहता था। वह स्वच्छंदतापूर्वक गगन में विचरण करना चाहता था। वह साँप के समान एक स्थान पर दुबक कर नहीं रह सकता था। उसे भाग्य की अपेक्षा अपने कर्म पर विश्वास था। इसलिए वह अपनी कर्मभूमि में उड़ जाना चाहता था, जहाँ उसे किसी प्रकार की कोई रोक-टोक न हो; उसे प्रत्येक स्थान पर जाने की पूरी स्वतंत्रता हो।
Question 4:
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
Answer:
साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था, क्योंकि वह सोचता था कि उड़ने और रेंगने के बीच कोई विशेष अंतर नहीं है। अंत में सबके भाग्य में मरना ही लिखा है। लेकिन फिर साँप ने उड़ने की, कोशिश की क्योंकि उसके मन में ईर्ष्या उत्पन्न हो चुकी थी। दिल के किसी कोने में आकाश में छिपे आनंद को भोगने का लालच छिपा हुआ था। इसी कारण साँप ने उड़ने की कोशिश की, ताकि वह भी बाज़ के समान स्वतंत्रतापूर्वक विचरण कर आनंद का भोग कर सके।
Question 5:
बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?
Answer:
बाज़ एक साहसी एवं वीर पक्षी था। उसने अपने कर्म के लिए त्याग एवं बलिदान का कार्य किया था। इन सबसे ऊपर उसने घायल अवस्था में भी हिम्मत नहीं हारी थी। वह हर स्थिति का सामना करना चाहता था। वह भाग्य के सहारे न जी कर अपने कर्मों के अनुसार भाग्य बनाना चाहता था। शायद इसलिए बाज़ की मृत्यु पर लहरें चट्टानों से टकरा-टकरा ऐसी ध्वनियाँ उत्पन्न कर रही थीं, मानो वे उसके लिए आँसू बहा रही हों। लहरों ने जान हथेली पर रखकर चलने वाले बाज़ की वीरता और शौर्य को देखकर ही गीत गाए थे।
Question 6:
घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?
Answer:
घायल बाज़ को देखकर साँप इसलिए खुश हुआ होगा क्योंकि अब उसे बाज़ से कोई खतरा नहीं था। उसे बाज़ पर हँसने और उस पर ताने मारने का अवसर मिल चुका था। खुश होने का सबसे बड़ा कारण यह भी था कि पहले बाज़ आकाश में उड़ते हुए नीचे धरती पर रेंगने वाले साँप आदि जीवों को मारकर खा जाता था, लेकिन आज वह धरती पर पड़ा धूल चाट रहा था। बाज़ की इस भयानक दशा को देखकर साँप खुश हो रहा था।
Question 7:
कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।
Answer:
(1) बाज़ ने एक गहरी लंबी साँस ली और अपने पंख-फैलाकर हवा में कूद पड़ा।
(2) हमारा गीत जि़ंदगी के उन दीवानों के लिए है, जो मरकर भी मृत्यु से नहीं डरते।
(3) आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।
(4) एक क्षण के लिए उसके मन में उस आकाश के प्रति इच्छा पैदा हो गई।
(5) कम-से-कम उस आकाश का स्वाद तो चख लूँगा।
(6) तुम जि़ंदगी भर आकाश में उड़ने का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।
(7) जब कभी साहस और वीरता के गीत गाए जाएँगे, तुम्हारा नाम बड़े गर्व और श्रद्धा से लिया जाएगा।
(8) तुमने अपना जीवन बलिदान कर दिया, किंतु फिर भी तुम अमर हो।
(9) तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जि़ंदगी के अंधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी।
Question 8:
लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।
Answer:
लहरों का गीत सुनने के बाद साँप के मन में अवश्य एक झंकार उत्पन्न हुई होगी। उस झंकार से साँप के मन में बाज़ के लिए सम्मान और आदर की भावना पैदा हुई होगी। वह उसकी मृत्यु को त्याग और बलिदान समझने लगा होगा। बाज़ के विषय में इस प्रकार से सोचने पर साँप की संकीर्ण मनोवृत्ति विस्तृत हुई होगी और वह समझ गया होगा कि प्रकृति ने सभी को अलग-अलग गुण प्रदान किए हैं;
जैसे—पक्षी आकाश में उड़ेंगे, जानवर धरती पर रहेंगे, नदियाँ कल-कल करती बहेंगी, समुद्र अपनी लहरों से मधुर गीत गाएगा आदि। अंत में साँप मान जाएगा कि स्वतंत्रता एवं स्वच्छंदता जीवन के आवश्यक आधार हैं, लेकिन साँप की स्वच्छंदता धरती पर घूमने-फिरने में है। इस गूढ़ बात को समझने के बाद साँप उड़ने की बजाए धरती पर अपनी गुफा से बाहर निकलकर स्वछंद घूमना शुरू कर दिया।
Question 9:
क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।
Answer:
पक्षियों का आकाश में उड़ना उनके लिए स्वाभाविक कार्य है। यदि कार्य को पूरी इच्छा या मन से किया जाए, तो स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव किया जा सकता है। इसका प्रयत्न उदाहरण 'बाज़ और साँप' की कहानी में बाज है। बाज़ को उड़ने में अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है। इसी अनुभूति के कारण उसे आकाश में उड़ना अच्छा लगता है। उसका मन और आत्मा उसे आकाश में उड़ने के लिए सदैव प्रेरित करती है। इस प्रकार की प्रेरणा जिस किसी भी व्यक्ति, पशु, पक्षी, जीव, जंतु आदि को मिलती है, वह अपने स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव करने लगता है।
Question 10:
मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है?
Answer:
यह पूर्ण रूप से सत्य है कि आदिकाल से ही मानव के मन में आकाश में उड़ने की इच्छा रही है। अपनी इसी इच्छा को पूर्ण करने के लिए उसने आदिकाल से ही प्रयत्न करने प्रारंभ कर दिए थे। इसका उदाहरण हमें 'रामायण' में मिलता है, जहाँ कुबेर से छीने गए 'पुष्पक विमान' में रावण सीता माता को बैठाकर अपने देश लंका ले गया था। धीरे-धीरे इसमें सुधार होते चले गए। आज आधुनिक युग में मनुष्य ने उड़ने के लिए हवाई जहाज़, हेलीकॉप्टर, ग्लाइडर, रॉकेट, अंतरिक्ष शटल आदि साधनों का आविष्कार एवं निर्माण कर लिया है। वर्तमान समय में ये साधन मनुष्य की उड़ने की इच्छा को पूरा करते हैं।
Question 11:
यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखो।
Answer:
मेरे विचार में पात्रों के बदल जाने के बाद भी कहानी ऐसी ही होती; इसका भाव यही रहता। प्रत्येक प्राणी उसी वातावरण और स्वतंत्रता को पसंद करता है, जिसमें वह अपना जीवन व्यतीत करता है। हम मानव धरती पर रहकर जीवन व्यतीत करते हैं; परंतु फिर भी कभी आसमान में उड़ने की सोचते हैं, तो कभी पानी के नीचे रहने की। वैज्ञानिक उपकरणों से ऐसा करने का प्रयत्न भी करते हैं, परंतु फिर भी जीवन का वास्तविक सुख हमें धरती पर ही प्राप्त होता है।